Raksha Bandhan 2023 : गांव की गलियों से लेकर शहर तक मनाए जाने वाले इस रखी पूर्णिमा की अद्भुत कहानियां

Rakshya Bandhan 2023 कब है, और केसे मनाया जाता है, किसने किया रक्षी की शुरुआत और जानिए राखी का इतिहास के साथ साथ रक्षी से संबंधित अनोखा कहानियां (Rakshya Bandhan story in Hindi)

रक्षा बंधन हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भारत के कोई हिस्सों में मनाया जाता है। Raksha Bandhan आने वाला है यह सुनकर सारे भाई और बहन के चेहरा में खुशी झलक रहा है । और हो भी क्यों ना यह भाई बहन का रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है । यह रिश्ता इतना ज्यादा पवित्र होता है कि इसका सम्मान पूरी दुनिया में किया जाता है। उनके रिश्ते को और भी बढ़ावा देने के लिए हर साल रक्षाबंधन मनाया जाता है।

हमारा यह लेखन हर भाई और बहन के लिए जिसमें हम चर्चा करेंगे रक्षाबंधन का सही अर्थ क्या है और क्यों मानते हैं और इस त्यौहार का आध्यात्मिक और ऐतिहासिक कहानी से संबंधित रोचक बाते जिसको जानना हर भाई बहन का जरूरी है । कृपया हमारा यह पोस्ट को अंत तक पढ़े और अपने भाई और बहन के साथ जरूर शेयर कीजिए ।

रक्षया बंधन क्या है और कब है

रक्षा बंधन का पर्व दो संस्कृत शब्द से बना हुआ है, रक्षा और बंधन इन शब्दों का तपेर्य या है कि ऐसा बंधन जो की रक्षा प्रदान करता है

इस पवित्र दिन में बहन अपने भाइयों के रक्ष्या धागा बांधते है और भाई अपनी बहन के जीवन पर आने वाले संकट से रक्षा करने का वचन देता है ।

Rakshya Bandhan 2023 का शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन का त्यौहार कब है30 August 2023
दिन बुधबार
राखी बांधने का शुभ घड़ी30 अगस्त के सुबाह 10:58 से 31 अगस्त सुबह 7.05 बजे तक
तिथिश्रावण महीना की पूर्णिमा
अन्य नामराखी , सिलोनी

राखी बांधते समय रखे यह बातो का ध्यान

रक्षी बांधते समय भाई और बहन को मानने वाले कुछ जरूरी बातें

  • रक्षाबंधन के दिन भाई बहन को स्नान करके नया कपड़ा पहना चाहिए।
  • जब भी बहन भाई के हाथ में रक्षी बांधती है तब भाई के दाहिने हाथ में बंधना जरूरी है ।
  • अगर बहन से भाई बड़ा है तो बहन को भाई का पैर छू के आशीर्वाद लेना चाहिए।
  • राखी बांधते समय भाई के हाथ कभी भी खाली और खोला नहीं रखना चाहिए हमेशा हाथ में कुछ पैसा और अक्षत रख के अपने मुट्ठी बंद रखें, ऐसे करने से माना जाता है कि घर में संपति का बस बना रहता है।
  • रक्षी बांधते समय यह बात का जरूर ध्यान दीजिए जब भी भाई रखी बंधवाए सर के ऊपर रुमाल रख के रक्षी बांधना चाहिए ।
  • राखी बांधते समय भाई के मुंह उत्तर और पूर्व दिशा से होना चाहिए , साथ में भाई का पीठ दक्षिण और पश्चिम दिशा में होना चाहिए यह माना जाता है कि दक्षिण दिशा से मुंह करके रखी नहीं बांधा जाता है।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

दुनिया भर में हर भाई बहन के बीच में मनाए जाने वाला एक मात्र बड़ा पाव होता है रक्ष्या बंधन , इस त्यौहार को मनाने की मूल उद्देश्य होता है भाई और बहन के बीच में पवित्र रिश्ता को बढ़ावा देने के लिए यह दिन भाई और बहन के लिए समर्पित है।

इसके अलावा जब बहन अपने भाई के हात में राखी का धागा बांधती है इस टाइम से लेकर आगे तक बहन के ऊपर आने वाला सारे संकट पर भाई उसका साथ देता है इस वजह से यह बंधन को रक्षाबंधन नाम का दर्जा दिया गया है। इसके साथ-साथ बहन भी अपने भाई के भला केलिए भगवान से दुआ करती है। रक्षाबंधन मनाने के लिए बहुत सारे ऐतिहासिक और संस्कृत पुराण में गाथा लिखा गया है, चलिए उसके बारे में चर्चा करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है और कब शुरू हुआ था ?

रक्षाबंधन का सांस्कृतिक कहानियां | Cultural Story of Rakshya Bandhan 2023 in Hindi

रक्षाबंधन आज या कल नहीं मनाया जाता है हजार सालों से पहले यह राखी का प्रथा चलती आ रही है। यह हम नहीं कहते हैं कई सारे वेद पुराण में भी राखी पूर्णिमा के बारे में उपलब्ध है चलिए हम राखी से संबंधित पौराणिक कहानियां के बारे में विस्तार रूप से चर्चा करेंगे या फिर आलोचना करेंगे जिसके तहत आपको राखी से संबंधित ऐतिहासिक संस्कृत कथा का ज्ञान प्राप्त हों।

इंद्रदेव और बलि की कहानी

भविष्य पुराण में लिखा हुआ है कि जब असर के राजा बलि ने देवताओं के ऊपर आक्रमण किया था तब देवताओं के राजा इंद्र को काफी खेती पंहचती थी । यह सब देखकर इंद्र की पत्नी साक्षी से रहा नहीं गया और वह विष्णु जी के पास दौड़ती हुई गई और सारे बातें बताई। यह सुनकर प्रभु विष्णु एक धागा इंद्र के पत्नी सच्ची को प्रदान किया और कहा यह धागा लेकर अपने पति के कलाई पर बांधे और जब उन्होंने ऐसा किया उसके बाद देव राज इंद्र के हाथ असर राजा बलि की पराजय हुई।

कृष्ण और द्रोपति की कहानी

जब भगवान कृष्ण ने दोस्त राजा शिशुपाल को बाद किया इस युद्ध के दौरान कृष्ण जी के अंगूठी में गहरी चोट आई थी जिसे देखकर द्रोपती ने अपने वस्त्र को उपयोग करके उनके खेत में बंधा था इस कार्य को देखकर भगवान कृष्ण द्रोपती के ऊपर प्रसन्नता दिखाते हुए कहा था कि तुम एक बहन की कर्तव्य निभाई है तुम्हारी जरूरत पड़ने पर में भाई का कर्तव्य जरूर निभाने की कोशिश करूंगा ।

बहुत बरसों के बाद जब द्रोपदी को कुरु सभा में जुए के खेल में हारना पड़ा तब कोरबा के राजकुमार दुशासन ने द्रोपती का चीर हरण करने लगा इस पर कृष्ण ने द्रोपदी बहन की रक्षा क्या और उनकी लाज बचाई थी।

महा भारत में रक्षी का उपयोग

महाभारत युद्ध से पहले भगवान कृष्ण ने जुधिस्तीर को यह सलाह दि की युद्व में जाने से पहले खुद को और अपने सेना को बचाने के लिए राखी का धागा उपयोग करें करना चाहिए, जिस वो कुशलता युद्ध जीत कर वापस घर लट सके इस बात पर माता कुंती ने अपने नाती के हाथ में राखी का धागा बांधते थे ।

रक्ष्या बंधन का इतिहास | Raksha bandhan history in Hindi

विश्व इतिहास में रक्षाबंधन का बहुत महत्वपूर्ण रहा है, इससे संबंधित कुछ अनोखे घटनाएं के बारे में जानकारी नीचे दी गई है, कृपया हजार साल पहले की बात जानने के लिए दिमाग में थोड़ी जगा बना लीजिए ।

सम्राट Alexander ओर सम्राट पूर

राखी त्यौहार का सबसे पुराने कहानी सन 300 BC में हुई थी, इस समय Alexander भारत जीतने के लिए अपने पुरी सेना लेकर भारत आए थे, इस समय भारत के सम्राट पुर का शासन चल रहा था। जहां alexander की सेना सम्राट पुर के सेना से लड़ने में काफी दिक्कत हुई और बहुत बड़ी बड़ी संकट का समुखिन करना पड़ा ।

यह सब देख कर alexander की पत्नी सम्राट पुर केलिए एक रखी का धागा भेजी थी जिससे वो उनकी पति की जान का भीख मांगी थी । वही सम्राट पुर ने रखा धागा का मर्ज्यादा करते हुए Alexander के ऊपर जानलेवा हमला नहीं किया था ।

रानी कर्णिका और सम्राट ह्यूमयू

अन्य एक ऐतिहासिक गाथा रानी कर्णिका और और सम्राट ह्यूमयू के बीच है । सन 1535 के समय चितोड़ की रानी कर्णिका को गुप्तचर के द्वारा संदेश मिला की उनकी साम्राज्य के ऊपर गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह आक्रमण करने वाला है, तो उन्होंने ह्यूमयू जो कि पहले चित्तौड़ का दुश्मन था, उनके सम्राट के पास रखी भेजी अरे एक बहन की नाते मदद मांगी । अरे ह्यूमयू ने भी रक्षी की सम्मान करते हुए रानी कर्णिका की रक्षा केलिए अपने एक सेना के टुकड़ा चित्तौड़ भेज दिया जिससे बहादुर शाह की सेवा पीछे हटना पड़ा ।

पूर्व काल मैं इसी प्रकार कुछ मदत पाने केलिए रक्षी की उपयोग करते थे । रक्षी एक ऐसी पवित्र धागा होता है जिसे एक शत्रु को बांध देने से वह मित्र बन जाता है और पूरे जान लगा कर सुरक्षा करने की कोशिश करता है। हमारा लेखा आपको कैसा लगा हमें कॉमेंट के माध्यम से बताए और अपनी भाई बहन के साथ जरूर शेयर करे और उनको भी रक्षी के सही अर्थ और रक्षी के इतिहास बारे में अवगत कराए। धन्यवाद आपके दिन मंगलमय हो ।

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